बेहतर प्रशासन के लिए मेरे तरफ से कुछ सुझाव है :-
१). राष्ट्रपति को और अधिकार मिले , राष्ट्रपति का चुनाव जनमत संग्रह से हो !
२). राज्यपाल का पद समाप्त कर दिया जाये , इससे सरकारी खाजाने पर बोझ कम पड़ेगा , राज्यपाल का काम चीफ जस्टिस को शौप दिया जाय !
३). मंत्रिमंडल का आकार छोटा कर दिया जाय !
४) . छोटे राज्यों का पुर्नगठन हो !
५) . पुलिस को आधुनिक बनाया जाय !
६ ). जनता की भागेदारी सरकारी कामकाज में हो ! जनता की राय ली जाय !
७). आवश्यक वस्तुओ जैसे की दाल , चावल, चीनी , गेहू , का निर्यात बंद हो एवं इनके कालाबाजारी पर रोक लगे.!
८). सभी आम चुनाव चाहे वो राज्य या केंद्र के हो एक ही समय पर हो इससे बहुत सारा खर्चा बचेगा !
९) .सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाई जाये !
१०). कोई भी कमीशन या जाच आयोग का कार्यकाल ६ माह से अधिक का न हो !
११). अदालत में लंबित सभी मामले जल्द से जल्द निपटाए जाये !
१२). आरछान का लाभ केवल आर्थिक रूप से पिछडो को मिले !
१३). नक्सली छेत्रो में बेरोज़गारी दूर करने के उपाय किये जाये , एवं शिक्षा का अलख जगाया जाये !
१४). किसी भी बिधायक या सासंद का कार्यकाल २ बार से ज्यादा का न हो !
Sunday, December 20, 2009
Sunday, December 13, 2009
हम आज भी गुलाम है
हम आज भी गुलाम है हमारे नेता जी जो हुकुम सुनते है हमे मानना पड़ता हे आज देश गाँधी -नेहरु परिवार का गुलाम है आज राहुल गाँधी को हम पे थोपा जा रहा है पहले हम मुगलों के गुलाम, हुए फिर अंग्रेजो के आज अपने नेताओ के आज कोई नेता अपराध करता है तो वो जमानत ले ले कर आजाद घूमता रहता है पब्लिक की किसे चिंता है कितनी भी महगाई हो जाय हमारे नेताओ को क्या वे तो ऐसी में रहते है मिनेरल वाटर पिटे है जनता को पानी मिले छाहे न मिले आजादी के ६२ साल बाद भी कितने गावो सहरो में पिने का पानी .सड़क रोटी उबलब्ध नही है लोगो को कभी आरंछां के नाम पे तो कभी जाती के नाम पर हमे बात जा रहा है कब इस देश से बेरोजगारी दूर होगी कोई खाना बिना मर रहा है तो कोई खाते कहते मर रहा है इस देश को फिर से एक क्रांति की जरुरत है जय भारत
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