tag:blogger.com,1999:blog-73990478632162018282024-03-13T14:10:47.103-07:00झाजी कह रहेAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-57299794707321785282018-09-27T09:25:00.000-07:002018-09-27T09:26:52.977-07:00मीलोड<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div dir="ltr">
<span style="background-color: #d8dfea;">#मीलोड</span></div>
<div dir="ltr">
इस देश का बेड़ा गरक करने में मीलोड का बहुत बड़ा हाथ रहा है । ये वही पढ़े लिखे कथित बुद्धिजीवी लोग है जिनके घरों पर बड़े बड़े कंग्रसियों का आना जाना लगा रहता है और उनके रहमोकरम इनकी कई पीढ़ियां मलाई चाट रही है । देश को भरमाने वाले मुद्दे पर ये तुरंत फैसला सुनायेंगे , आतंकियों के फांसी रोकने के लिए आधी रात को अपना कोर्ट खोल के बैठ जाएंगे ।<br />
इनको देश के आम जनता के दुख दर्द से ज्यादा धारा 377 एवं 497 की चिंता है । देश के महत्वपूर्ण निर्णय पर ये बीरबल की खिचड़ी पकाने लगते है जान बुझ कर केस को लंबा खींचते जाएंगे । रिटायर होने के बाद भी किसी जांच आयोग के सदस्य बनेंगे और उसपर एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन लेते रहेंगे ।<br />
न्यायपालिका ही भ्रष्ट हो तो देश के आम जनता को इनके बेतुके फैसलों को झेलने ही होंगे । <br />
सामान्य घर से कोई वकालत कर भी लेता है तो कचहरी में बैठ एफिड डेविड पर साइन करता रह जाता है चाहे वो कितना भी काबिल क्यों न हो । <br />
रसूखदार लोग ही आगे बढ़ पाते है ।<br />
कब्र में एक पैर धरे रमजेठमलानी जैसे वकीलों के आगे कई राजनीतिक पार्टियां नतमस्तक है और उपहार में राज्यसभा तक पहुंचा देती है ।<br />
सलमान खान, संजय दत्त जैसे लोगों की जेब में कानून रहती है ।<br />
गूंगे बहरे सोई होई जनता जिसे अपने दो वक्त की रोटी से ही फुर्सत नहीं है । सुबह अख़बार में मीलोड का फैसला पढ़ेंगे और एक लम्बी सांस लेकर कहेंगे कलयुग आ गया है भाई ।<br />
अब तो इंतज़ार उस दिन का है जब मिलोड कह दे मंदिर वही बनेगा ।<br />
जय श्री राम <br />
<span style="background-color: #d8dfea;">#अंधा_कानून</span><br />
<span style="background-color: #d8dfea;">Prakash Kumar</span><br />
ekgaribbihari.blogspot.com</div>
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Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-87922551032258968002018-03-01T22:53:00.001-08:002018-03-01T22:56:50.236-08:00#बुरा_न_मानो_होली_है<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
#बुरा_न_मानो_होली_है<br />
#धर्मनिरपेक्षता #व्यंग्य<br />
आप सब को होली मुबारक । हम होली कि हार्दिक शुभकामनाएं नहीँ देते क्योंकि हमें सेक्यूलर नामक कीड़े ने काट लिया है । ये अंधभक्त, कट्टर हिन्दू, संघी मानसिकता ,ब्राह्मणवादी मानसिकता वाले लोग इस देश मे अमन शांति नहीं रहने देना चाहते । ये देश जय भीम जय मीम का है । मूलनिवासियों की जय हो । यहाँ गंगा -यमुना बहती हैं । मुझे आज तक समझ नहीं आया कि यमुना उनकी कैसी हो गयी । यमुना तो यम की बहन है । हमारे यहाँ आज भी भाई -,दूज में बहने गाती हैं जेना यमुना पूजलकै यम के ओना हम पूजै छी अपना भाई के ।<br />
आज सुबह से ये सोच सोच के मैं परेशान हूँ कि आज जुम्मा है हमारे शांतिदूत भाई लोग कैसे नमाज़ पढ़ेंगे। मीलॉर्ड को आज होली मनाने पर रोक लगा देना चाहिए था ।कहीं कट्टर हिन्दुओ ने रंग अबीर लगा दिया तो माहौल खराब हो जायेगा। हर जुम्मे को कितना भी जरूरी काम क्यों न हो हमारे शांतिदूत भाई भारत मे अमन एवं शांति और इज़राइल की बर्बादी के लिए अल्लाह ताला से दुआ मांगते हैं । सरकार को चाहिये कि देश की तरक्की एवं अमन शांति की दुआ करने वाले इन शांतिदूत भाइयों को हर रोज नमाज़ पढ़ने की इजाजत दी जाये । हमारा क्या है तो मने मने हनुमान चालीसा पढ़ लेते हैं ।<br />
ये संघी लोग कितना भी बोले हम तो शांतिदूत भाइयों को देखते ही सलाम वालेकुम बोल देते है । पता नही किस भाई का कनेक्शन आई एस आई एस से हो और हमें ऊपर पहुंचा दे । हमारे धर्मनिरपेक्ष हिन्दू भाईयों ने अपने भाई को कभी भाई न बोला हो लेकिन शांतिदूतों के नाम के आगे जरूर भाई लगाते है जैसे सलमान भाई.....<br />
सुने है यू पी में नमाज़ का वक़्त बदलना पड़ा बेचारे शांतिदूतों को । नमाजवादी सरकार रहती तो होली का दिन बदलना पड़ता ☺️<br />
मोदी-योगी हाय हाय<br />
नारा ए तदबीर अल्लाह हो अकबर<br />
#हैप्पीहोली<br />
Prakash Kumar</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-48866454545418284452017-10-02T06:12:00.001-07:002017-10-02T06:12:08.824-07:00हम कोनो गरीब छी <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
हम कोनो गरीब छी<br />
नई भेटल बीपीएल नई भेटल एपीएल<br />
हम कोनो गरीब छी<br />
नई बनल कार्ड लाल नई पिअर<br />
हम कोनो गरीब छी<br />
नई बनल शौचालय नई भेटल आवास<br />
हम कोनो गरीब छी<br />
नई भेटैत अई विकलांग भाई आ बुढ़ माय के पेंशन<br />
हम कोनो गरीब छी<br />
नई मिलै आ आरक्षण नई सरंक्षण<br />
हम कोनो गरीब छी<br />
बाढ़ में सब दहा गेल किस्मत के जड़ा गेल<br />
उपरे उपरे सब खा गेल<br />
हम कोनो गरीब छी<br />
इम्हर ओम्हर बौआई छी<br />
केंहुतै कमा के खाई छी<br />
हम कोनो गरीब छी<br />
<br />
"प्रकाश कुमार"</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-69077102247549711642017-07-15T23:08:00.001-07:002017-07-15T23:08:40.398-07:00#व्यंग्य #आपबीती<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
#व्यंग्य #आपबीती<br />
आज सवेरे सवेरे ढाढ़ी-बाल नोचने लगा गर्मी के मारे त विचार बना कटवा लिया जाय । वैसे तो सोचे थे कि सावन भर रखेंगे लेकिन असहनीय गर्मी में मोह माया त्यागना पड़ा । मन चंगा त कठौती में गंगा।<br />
तो सोचते विचारते पहुंचे सैलून में । लगभग यहाँ शांतिदूत ही यह समाजसेवा करते है(बदले में अच्छा खासा रकम भी लेते हैं) । मेरा नंबर आया तो पूछा गया क्या करवाएंगे हम बोले भैया हजामत की दुकान पर हजामत ही तो बनवाएंगे । पहले कटोरा कट बाल काट दो फिर दाढ़ी बना देना । हमारे सर के पिच पर अपने मशीन, कैंची से कलाकारी दिखाने के बाद हजामत की बारी आयी।<br />
गालों से जैसे ही अस्तुरा गर्दन तक पहुंचा उसने एक लंबी सांस ली और जोर से बोला -या अल्लाह । हम मने मने सोचे -अब न बनतै हमर तीनतल्लाह ?<br />
फिर हिम्मत कर के पूछे- क्या हुआ भाईजान ? क्या इरादा है । उसने अस्तुरे में लगे फेंन को साफ करते हुए कहा - आजकल आप मोदीभक्त झाजी के नाम से फेसबुक पर हमलोग के बारे में बड़ा उटपटांग लिख रहे हैं । इससे माहौल खराब होता है । आपसी भाईचारे में दरार पड़ सकती हैं ? आप जिनकी पोस्ट शेयर करते हैं वे आपको बचाने आएंगे ? ऐसा क्या लिख दिया फेसबुकवा पर<br />
हम बोले भाईजान हमारी गर्दन पर अस्तुरा चला के तुम्हे क्या मिलेगा ? जो भी 20-30 रुपये महीने में हमसे आमदनी आती है वो भी चला जायेगा ।<br />
यार हजामत बनाने पर ध्यान दो ।<br />
उसने क्रीम को बड़ी बेदर्दी से मेरे चेहरे पर मसलते हुए कहा आप भले आदमी लगते हैं कहे तो बालों में मेहंदी लगा दूँ । हमने भी कहा नेकी आ पूछ पूछ ।<br />
काम खत्म होने के बाद उसको पैसे दिये तो उसने कहा -वैसे आपका पोस्ट पढ़ने में मज़ा आता है आते रहना भाईजान अल्लाह ने चाहा तो आपका तीनतल्लाह भी बन जायेगा ।<br />
"प्रकाश कुमार"</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-71742515058250752202017-03-07T09:49:00.002-08:002017-03-07T09:52:13.445-08:00अगले_जनम_मोहे_स्टेट_बैंक_आॅफ_इंडिया_का_ग्राहक्_ही_बनईहो<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
आज न चाहते हुये भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक शाखा में प्रवेश करना पड़ा (एटीएम में कैश नहीं होने के कारण ) यूँ तो मेरी कोशिश रहती है कि ज्यादातर काम कैशलेस हो जाये लेकिन बेचारे गाँव के सब्जी वाले,किराने वालों को कैश ही देना पड़ता है क्योंकि उनके पास कोई साधन नहीं है । 2000 का चेक भरने के बाद लाइन में लगे तो लगभग एक घंटे बाद मेरा नम्बर आया क्योंकि वो स्टेट बैंक के कर्मचारी बार-बार अपनी मोबाइल को निकालकर टीप टाप करते हुए बीएसएनएल के इंटरनेट स्पीड की तरह काम कर रहे थे । खैर जब मेरा नंबर आया तो मैंने अपना चेक डरते डरते उनकी और बढ़ाया तभी न जाने कहाँ से उनके कुछ शुभचिंतक आ गये । उन्होंने मेरे चेक की तरफ देखा भी नहीं । शूभचिंतको से निपटने के बाद अचानक उनका ध्यान घड़ी की सूई की तरफ चला गया मेरा चेक पीछे ठेलते हुए उन्होंने कहा लंच टाइम हो गया है लंच के बाद आइये । मैंने सविनय निवेदन करते हुये आग्रह किया कि सर अभी लंच में 5 मिनट है मेरा चेक पेमेंट कर दीजिए मुझे फील्ड निकलना है मैं इतनी देर नहीं रूक सकता । उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पारंपरिक सेवा का निर्वहन करते हुए मुझे मैनेजर से बात करने की अमूल्य सलाह दी । मैं डरते सहमते मैनेजर साहब के कक्ष में गया तो (अंग्रेज के जमाने के जेलर )मैनेजर साहब ने मुझे ऐसे घूरा जैसे मैंने उनके कक्ष में आकर बहुत बड़ा अपराध कर दिया है । डरते सहमते मैने मैनेजर साहब को अपनी दुःख भरी व्यथा सुनाई । कैशलेस पर उनके बहुमूल्य विचारों को अनुग्रहीत कर उनके प्यार भरे डाँट फटकार के बाद मुँह लटकाये हुए मैं उनके कक्ष से बाहर आया और अपने ही हाथों अपने चेक को निरस्त कर उन महान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कर्मठ एवं सुयोग्य कर्मियों को साष्टांग प्रणाम करते हुये शाखा से बाहर आ गया । कैशलेस झा जी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के भुक्तभोगी ग्राहक #STATE_BANK_OF_INDIA #CASHLESS #अगले_जनम_मोहे_स्टेट_बैंक_आॅफ_इंडिया_का_ग्राहक्_न_बनईहो</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-42797947581211680032017-01-28T11:28:00.000-08:002017-01-28T11:28:25.969-08:00फिल्म समीक्षा रईस<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
रईस फिल्म में दिखाया गया है कि शांतिदूत बहुत अच्छे इंसान होते है वे धर्म का धंधा नहीं करते । रईस शराब बेचता है, अपने दुश्मनों को मारता है लेकिन कोई गलत काम नहीं करता । रईस बच्चा मे किताब निकालकर बैग में शराब की बोतले भर इधर उधर पहुँचाने का काम करते है । फिल्म में दो बार मोहर्रम और एक बार ईद मनाया जाता है । हज से लौटते हुए हाजियो पर हमला होता है जिससे शहर में दंगा भड़कता है । शराबबंदी के लिए विरोधी दल का नेता रथ नुमा गाड़ी पर रैली निकालता है जिसे रईस और उसके आदमी पुलिस के सामने ही खदेड़ खदेड़ कर मारते है । सी एम भी रईस से मिला हुआ रहता है । लोगों कि भलाई करने में रईस कंगाल हो जाता है । जेल जाता है और जेल से ही चुनाव लड़कर एम एल ए बन जाता है । लोगों से पैसा लेकर उनके लिए घर बनाना चाहता है लेकिन गठबंधन की सरकार उसे ऐसा करने नहीं देती । लोगों का पैसा लौटाने के लिए वो मूसा भाई का एक काम करता है जिसमें दोहा से सोना स्मललिंग कर आता है । सोने के अंदर आर डी एक्स छिपा होता है जिसका रईस को पता नहीं होता है । उस आर डी एक्स से कई जगह बम धमाके होते है । रईस मुसा भाई को मार देता है । पुलिस के हाथों आत्मसमर्पण कर देता है लेकिन पुलिस उसका फर्जी इनकाउंटर कर देती है । #फिल्म_समीक्षा #रईस #महाबकवास</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-31044366334134553952017-01-09T11:01:00.001-08:002017-01-09T11:02:11.439-08:00कैशलेस<p dir="ltr">आई ठंडा में ठिठुरत ठिठुरत मन भेल की किछ लिखल जाय । जखन हमरा कंबल ओढ़ने अतेक जाड़ लगई अ  त मुदा गरीबहा के की हाल हेतई ओना त हमहूँ गरीबे छी मुदा कोनो विश्वास नई करई आ । मोदी जी के धनबाद देवाक् चाही की नोटबंदी कराक् लोग के खर्चा घटवाक देलखीन  । अब लोग बचा बचा क पाई खर्च करई आ कियाक् अब बैंक/एटीएम से कहीया निकलत कोनो ठिकाना नई । ग्रामीण क्षेत्र में अखनो बैंक म नकदी के दिकदारी चल रहल छई । टाउन में कोनो परेशानी नई अई एटीएमों में धकाधक पाई निकलई आ । टाउन में लोग के पास बहत्तर को उपाय छई कैशलेस बने के क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, एटीएम, पेटीएम,पी ओ एस मशीन, मोबाइल वैलेट आदि । आ ग्रामीण क्षेत्र में उहे एगो सरलका ग्रामीण  बैंक के ब्रांच जेकर मैनेजर आ कैशिअर के हर दम मुँहे सुखायल रहई छई ।  कुँअहासा के दिन में उगल धूप जका बैंक में कैश अबई आ । ऊहो में बड़कहवा सब पहलेही अप्पन नम्बर लगेने रहई आ । जे बचल खुचल गरीबहा के भेंटल ऊहे में केनहऊतो गुजारा चल रहल छई । ग्रामीण क्षेत्र के एटीएम के शटर  त राहुल बाबा जनाक्  कहीया खुलई आ कहीया बंद होअई बुझबे नई करई छी ।  कैशलेस के फेरा में कतेक क त  कपारो के  केस उड़ रहल अछी । मुदा जे भेल नीके भेल । आब जेही विधी राखे राम आ मोदी जी ।                 <br>
   </p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-5020028171936412272015-12-18T07:57:00.001-08:002015-12-18T07:57:23.005-08:00झंडी लग जाई<p dir="ltr">#भोजपुरी #झंडी लग जाई हम हिया उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिला में निघासन ब्लॉक में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में काम करत बानी । समूह से जुड़ल कुछ मेहरऊआ सब जिनका आजीविका के बारे में अधकचरा ज्ञान बा आ कोनो अफवाह में पड़ल बानी एगो बात उनका से सुने ला मिलल -"झंडी लग जाई अगर सरकार के पैसा न लौटायब " हमरा समझ में आएल की इ झंडी झंड के स्त्रीलिंग बा ? उ रवि किशन के एगो फ़िलीम में डाइलॉग रहे न "जिंदगी झंड बा तहियो घमंड बा " उहे वाला झंड के स्त्रीलिंग बा झंडी । हम एकदम कंफुजिया गेल रहनी तब जाके एगो लोकल आदमी से पूछनी 'इ झंडी का होता हैं ?' पहले उ ऊपर से नीचे ऐसे ताके लगल जैसे हम कोनो अपराध कर देले बानी फेर पुछलस कहाँ से हो भइया ? हमहू धीरे से कहनी बिहार से । तब जाके उ समझावे लगल हिया कोनो के ऊपर सरकारी बकाया रहेला ता ओकरा चेतावनी देवे खातिर ओकर दुआरी पर तहसीलदार लाल झंडी लगावत बारे ओकरे कहल जाला "झंडी लग गेल" । हम अप्पन माथा पकड़नी की धत् तोरी के इ त झंडा के स्त्रीलिंग बा झंडी आ हम झंड के समझत रहनी ☺ हमहू समूह के दीदी सब के समझा देनी कि तोरा सब के झंडी न लागी गरीबी दूर भागी #स्वयं सहायता समूह #प्रेरणा #एन आर एल एम्</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-24537348379434491962015-09-04T19:15:00.000-07:002015-11-22T07:05:31.180-08:00चोला माटी के राम<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
चोला माटी के राम । बीते मंगलवार कि बात है मुजफ्फरपुर जिला में अपने क्षेत्र में थे ,जहाँ गाँव में भाडा पर डेरा लेकर रहते है । उस मकान में एक बुजुर्ग दंपती रहते है ,उनके बाकि परिवार मुजफ्फरपुर शहर में रहते है । बाबा कि उम्र कोई पचहत्तर साल के करीब होगी,मास्टरी से रिटायर थे । अपना पूरा ख्याल रखते थे ,सुबह चार बजे उठ जाना कसरत करना । इस उम्र में भी वो रोज दस बारह किलोमीटर साईकिल चला कर खेत गाछी घूम आते थे । बूढी थोडी बीमार रहती थी , ये ही उसकी पूरी सेवा करते थे । दोनों एक दूसरे का सहारा थे । महीने में एगाद बार कोई बेटा आकर देख जाता था । इनलोंगों को भी शहर चलने के लिए वे बार बार बोलते थे ,लेकिन गाँव घर के मोह माया में ये नहीं जाते थे । सुखी सम्पन्न परि<br />
वार किसी चीज कि कोई कमी नहीं । मंगलवार कि सुबह मुझे जगने में थोडी देर हो गई चूँकी सोमवार को बाइक चलाके पटना से आए थे और दिन भर पूरा क्षेत्र भी भ्रमण किए थे । आईंदा बाबा के साथ साथ हम भी उठ जाते थे । करीब साढे पाँच- छ: के बीच का समय था बगल में हो हल्ला हो रहा था , हम अपना बिस्तर समेत रहे थे तभी बूढी आयी दुआरी पर बोली -देखू त झाजी मालिके के आवाज बुझाई छै झगडा होई छै कि ? हम बाडी में देखे तो बाबा ही नजर आए । हम आके बूढी को बता दिए मालिके हैं । मामला था कि इन्होनें घर के बगल में बाडी मे माटी भरवाया था ,बगल के जमीन वालों से झंझट था पुराना ,बगलवाले ने कुछ माटी अपनी ओर पसार लिया और नाला भी खान दिया था इसी बात का झगडा था । उधर से भी एक बूढी औरत थी दोनों तरब से बाता बाती होते होते बात बढ गयी । बाबा जोर जोर से गरज रहे थे ,बगल वाली बूढिया को डाँट डपट कर वो जैसै ही वापस अपने आँगन आ रहे थे कि चप्पल में धोती फँसी और वो गिर कर अचेत हो गए । उस समय हम अपने चौकी पर बैठकर पानी पी रहे थे तभी बूढी(मालिक कि पत्नी) जो खिडकी से सारा नजारा देख रही थी चिल्लाउ दौउडी हे झाजी मालिक गिर गेलथीन । हम दौड कर गए और गाँववालों कि सहायता से बाबा को उठा कर लाए ,देखने से लगा कि इनका हार्ट अटैक हुआ या ब्रेन हेमरेज हुआ है । बूढी के साथ साथ गाँव के लोग भी अपने स्तर से कोशिश कर रहे थे ,मैनैं अपनी बाईक निकाली और गाँव के एक डॉक्टर को पकड कर लाये ,उन्होंने देखते ही बता दिया नहीं रहे । फिर भी मन में संतोष नहीं हो रहा था , गाँववालों को बोले एक चार चक्का गाडी का इंतेजाम किजीए तब तक बाबा के बेटों को भी फोन कर दिए । एक आदमी बोलेरो लेकर आए उसमें बाबा और बूढी को बैठाकर हम पीछे से अपनी बाईक से चले ,रास्ते में ही उनके बेटा पोता भेंट हो गए । मुजफ्फरपुर में एक निजी क्लीनीक में ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दीया । वापस हमलोग लाश लेकर गाँव आ गए । कुछ ही घंटो में घर में रिश्तेदारों कि भीड लग गयी । शाम को दाँह संस्कार हुआ । मेरा तो दिमागे सुन्न हो गया था कि ये क्या होगा थोडी सी माटी के ढेला के लिए किसी की जान चली गयी । सच ही कहा गया है चोला माटी के राम ।</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-68836914029151917032015-08-21T08:22:00.003-07:002015-11-22T07:05:38.515-08:00जंगलराजकियादें<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
#जंगलराजकियादें । बात उन दिनों कि हैं जब बिहार में जंगलराज कि तूती बोलती थी । कोई भी गोप जी का नाम लेकर आता और बाजार से कुछ भी मंगनी में उठा के ले जाता था , नहीं देने पर धंधा बंद या कुछ महीनों के लिए हाथ पैर तुडवाकर अस्पताल में भर्ती , कितनो का अता पता भी नहीं चला । मेरी नई नई जवानी उफान मार रही थी, पिता जी गुजरने के बाद दुकान एवं घर कि जिम्मेवारी मेरे ही ऊपर आ गयी थी । हमारा दुकान पटना में नामी जगह पर था सामने ही जंगलराज के चमचों का पूरा मोहल्ला पडता था , मोड पर किसी के निकलते ही पूरे सडक के दुकानदार सिहड जाते थे । हमारा छोटा सा होटल था ,जिसमें रिक्शे ठेले वाले ,मजदूर खाना खाया करते थे । उसी से हमारा गुजर बसर एवं पढाई लिखाई भी होती थी । दुकान में हम सभी भाई ही मिलकर सारा काम करते थे, खाना बनाने से लेकर बर्तन ढोने तक । उस दिन मैं अकेला ही दुकान पर था , भाई ट्यूशन पढने गया था । अगले दिन मेरी कोलकाला में रेलवे कि परीक्षा थी , सो थोडा टेंशन मे थे ट्रेन भी पकडना था ,राखी का समय था एक दोस्त के लिए राखी लेना था उसके घर से जो उस समय कोलकाता में पढ रहा था ।इसी उधेडबुन में ग्राहकों को खाना भी खिला रहे थे तभी गोप जी (जो उस समय लालूजी के एक साले के खास आदमी हुआ करते थे) के कुछ आदमी खाना खाने के लिए आए (फ्री में ही खाते थे )जो दिन में ही फुल पीए हुए थे , मैनें खाना निकालकर दिया वो खा रहे थे तभी बगल में खा रहे मजदूर से किसी बात को लेकर बहस हुई वो सब उस बेचारे को भद्दी भद्दी गालियाँ देने लगे , मैं समझाने गया तो मुझे भी भद्दी भद्दी गालियाँ देने लगे तथा खाना सब उलट दिया , मेरा तलवा का लहर कपार पर चढ गया (यह नई नई जवानी और कुछ जात का भी असर था) मैनें सब्जी चलाने वाला बडका छोलनी उठाया और दे दना दे दना दन मार मार के मोहल्ले के मोड तक खदेड दिया । वापस आकर भात पसाने लगा , तब तक सैकडो आदमी गोप जी के पीछे पीछे आ गये लाठी ,डंडा गोली बंदूक सब लिए हुए , गोप जी का आदेश हुआ मारो साले के हमर आदमी पर हाथ उठाता था । मैं भात ही पसा रहा था कि ईटा पत्थर उन्होनें बरसाना शुरू कर दिया , एक ईंट कपार पर और एक ईंट दाँतो पर लगी , कपार फट गया, होंठ फट गए आगे का एक दाँत टूट गया । तभी किसी ने थाना में फोन कर दिया , थाना कि जिप्सी तुरंत आ गयी लेकिन गोप जी को देखते ही चलते बनी । मैं दर्द से कराह रहा था लेकिन कोई मदद को नहीं आया । अंत में मैनैं ही हथियार डालना उचित समझा और जाके गोप जी के पैर पकड लिए , मैं खून से लथपथ था ये देखकर गोपजी का दिल पसीजा और उन्होनें अपने सभी गुर्गों को भागने का आदेश दिया । मैं दो तीन घंटे यूँ ही दुकान के आगे सडक पर बैठा रहा पर कोई मदद को नहीं आया । कुछ घंटो बाद एक दूर के रिश्तेदार आए जिन्होंने मरहम पट्टी करवाई । चौंतीस टाँके पडे थे । होंठ के अंदर चार । चार पाँच महीने बिस्तर पर पडा रहा । न ठीक से खा पाता था न बोल पाता था । अगल बगल के लोग आश्चर्य कर रहे थे कि इतनी मार खाने के बाद भी ये बच कैसै गया ? कुछ लोग एफ आई आर करने को बोल रहे थे ,लेकिन बुद्धिजीवीयो ? ने सलाह दी कि और लफडा हो जाएगा धंदा बंद हो जाएगा , गवाही कोई नहीं देगा । पी एम सी एच में ईलाज कराने गए तो डॉक्टरों ने पुलिस केस बताकर ईलाज करने से मना कर दिया । थाना गए तो पुलिस ने गोप जी का नाम सुनते ही रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया ,बोले मैनैज कर लो । रोज धमकी मिलती रही केस नहीं करने को । बाबूजी के कुछ शुभचिंतको ने गोपजी को समझाया जाने दीजीए बिन बाप का बच्चा है , कमाता-खाता,पढता-लिखता है कुछ नहीं करेगा । तब जाकर जान छूटी । अंदर से डर खत्म हो गया लोग बोलते रहे दाँत टूट गया है आगे का है अच्छा नहीं लग रहा लगवा लो मैनैं नहीं लगवाया । कुछ यादें जेहन में हमेशा रहनी चाहिए । मेरा वो रेलवे का परीक्षा नहीं छूटता तो शायद मैं अभी रेलवे में नौकरी कर रहा होता । खैर छोडिए जेहि विधी राखे राम ☺☺</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-68400130445692489492015-08-14T00:22:00.002-07:002015-11-22T07:05:43.557-08:00बोल जय श्री राम<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
#जय श्री राम ! काल्हे रात सपना में हनुमान जी दर्शन दील्हले । गदवा के नोक हमरा पीठीया में भोंक हमरा उठैले । हनुमान जी -बोल जय श्री राम ! हम कहनी -हम ना बोलब ,हमर सेकुलर मित्र सब नाराज हो जैहन , बोलिसन तू आर एस एस के चेला है, तू कट्टर हिन्दू है , धर्मनिरपेक्षता आ देश कि अखंडता पर खतरा है , तोरा से हम दोस्ती न करम , तोरा के ब्लोक कर देम । हनुमान जी - मारबौ गदा कपार पर त चढ जैईबै पहाड पर 😬 सेकुलर मित्र तोरा खाए ला दे हौ ? मुसीबत अईला पर तोरा मदद करे हौ ? संकट से दूर निकाले हौ ? हम कहनी -ना प्रभु ! हनुमान जी -जो राम का नहीं वो किसी का नहीं । त बोल जय श्री राम ! हम कहनी - हम ना बोलब ! काहे कि अभी बिहार में इलेक्सन के टाईम बा , सेकुलर रहब त कही जोगाड सेट हो जाई । हनुमान जी - धत् बुरबक तू चोरी क ईले हैं ? हम कहनी -न प्रभु ।हनुमान जी -लूट ,हत्या,डकैती,अपहरण,रंगदारी,बलात्कार "" हम कहनी -राम राम ! ई का कहतानी प्रभु । हम इ सब से दूर बानी । हनुमान जी- त तोरा के के भोट देतौ ? बोल जय श्री राम ! हम कहनी -हम न बोलब , जे रामजी अपने तिरपाल गाड के रहतानी ऊ हमरा के का उबारीहन ? हनुमान जी पुरा गुसा गैलन थुथना फुला के कहलन - बोलबे जय श्री राम कि मार गदा के देहवा चूर दियो 😬हम कहनी -हम कमजोर बानी त न हमरा पर गुस्सा दिखावत बाडन ? ऊ जे छप्पन इंच के सीना ले के दिल्ली में बैठन बाडन कि हमर सरकार आयत त अयोध्या में राममंदिर बनवा देव,धारा 370 खत्म करवा देब ,विदेश से काला धन ले आईब, भोजपुरी के आँठवा अनुसुची में शामिल करवा देब । उनका जाके गदा दिखाई तब न बूझी रौआ के बजरंगबलि । अब त हनुमान जी रौद्र रूप धारण कर लैहलन , गदवा कँधवा पर रखी के बोललन -तू त अईसन न रहे , बचपने से हनुमान चालीसा पढत रहे आ जय श्री राम बोलत रहे । बोल जय श्री राम ! हम कहनी -हम न बोलब । हनुमान जी-बचपने से मुसीबत आईला पे केकर नाम ले है ? हम कहनी -जय श्री राम ! जय हनुमान । हनुमान जी -हर बाधा के पार करावा तानी ? हम कहनी -जय श्री राम ! हनुमान जी - हम तोहर रक्षा करै हियो केकरा कहे पे ? हम कहनी-श्री राम के बोले पे ! जय श्री राम ! हनुमान जी अब मुस्कुरा के जाए घरी बोललन -बोलत रहीहे जय श्री राम ! न त मारबौ गदा कपार पर आ चढ जैईबै पहाड पर ! बोल जय श्री राम ! हम रटत रहनी जोर जोर से जय श्री राम ! जय श्री राम ! जय श्री राम ! तभीये मकानमालिक हडबडा के उठलन आ कहलन -का हुआ झाजी जे आधी रतिया के इतना जोर जोर से जय श्री राम बोल रहे है ? हम कहनी कुछो न रौआ जय श्री राम बोल के सो जाई ! हमरा त अब नींद आवे से रहल # बोल जय श्री राम</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-79395765994535849312012-03-31T05:55:00.001-07:002012-03-31T06:15:51.471-07:00प्रधान मंत्री गौण जनता मौन मीडिया सरकार का चमचा तो देश चलाएगा कौन ???????????<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
प्रधान मंत्री गौण जनता मौन मीडिया सरकार का चमचा तो देश चलाएगा कौन ???????????<br />
घोटाले पे घोटाले हो रहे , महगाई बढ़ रही , आम आदमी पिस रहा, नेता लोग संपत्ति दिन दुनी और रात चौगुनी बढती ही जा रही ,आम आदमी को कमाने -खाने से फुर्सत कहा जो आन्दोलन करे ,<br />
<span>अन्ना हजारे, बाबा रामदेव के नेत्रित्व में कुछ लोग आगे आये तो सांसदों को अपना अपमान लगने लगा </span><br />
<span>अपमान तो तब होता है जब देश के ७०% आबादी आधी पेट खा कर रहती है . और नेता आराम से संसद के कैंटीन में आधे से भी कम दामो में चटखारे लगाते है .</span><br />
<span>ये देश की गरीब जनता का दुर्भाग्य ही है की आज़ादी के ६५ सालो के बाद भी उन्हें ढंग से रोटी , कपडा और मकान नसीब नही है ?</span><br />
वही दूसरी तरफ नेता लोग राजनीती कर के मालो माल हो रहे और अपने बच्चो को भी इस फायदे के सौदे में ला रहे है ,<br />
गरीबी हटाओ योजना पे अब तक अरबो खर्ज हो चुके लेकिन गरीबी नही हटी ?<br />
देश में अब तक एक भी भ्रस्ताचारी को फांसी नही हुई है ?<br />
वोट बैंक के लिए आतंकवादियों को पाला जा रहा है ?<br />
सरकार बचाने के लिए गठबंधन धर्म की मजबूरी बता जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है ?<br />
बड़े उद्योग पतियों को रियायत दे कर सरकार सब्सिडी घटा जनता पे महगाई लादी जा रही है<br />
बेरोज गारो की जो फ़ौज खड़ी है सरकार को दिख नही रही है ?<br />
नक्सली लगातार हमारे जवानों को मार रहे और सरकार हाथ पे हाथ धरे बैठी है ?<br />
<br />
ये कब तक चलता रहेगा ?<br />
<br />
</div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-28408857781377575162011-02-27T09:45:00.000-08:002011-02-27T09:45:19.126-08:00ये रेल बजट नही पश्चिम बंगाल चुनाव का चुनावी घोषणापत्र है ?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div style="text-align: left;">ये रेल बजट नही पश्चिम बंगाल चुनाव का चुनावी घोषणापत्र है ?</div><div style="text-align: left;">ममता बनर्जी ने रेल में ज्यादा कोलकाता और बंगाल पर ही ध्यान दिया है , न रेलवे की सुरक्षा पर ध्यान दिया है , न रोजगार पर , कई वर्षो से बहालियो को अटका कर रखा हुआ है , बार-बार परीक्षा के डेट आगे हो रहे है , सबसे ज्यादा बुरी हालत तो जेनेरल बोग्गी में चलने वाले लोगो की है ,भेड़-बकरी की तरह लोग आते जाते है ,न ही बोग्गियो की संख्या बढाई जा रही है और न ही कोई व्यवस्था है ,ट्रेनों में कितनी गन्दगी रहती है , प्लेटफोर्म पर अनावश्यक लोगो के भीड़ को भी रोकना चाहिए ,बिहार से जाने वाली हर ट्रेनों में भीड़ होती है ,यहाँ ट्रेनों की संख्या बढाई जानी चाहिए थी ,बेरोजगार लोगो को रेलवे में जल्द से जल्द रोजगार देना चाहिए ,ट्रेन में इन दिनों नशा खुरानी ,चोरी और लूट पाट की घटनाये बढती जा रही है ,इन सब पर रोक लगना चाहिए !</div><div style="text-align: left;"> ट्रेनों के लेट लतीफी आम बात हो गयी है ,इससे लोगो का समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है ,रेल मंत्री को चाहिए था की जब ट्रेने लेट हो तो लोगो के खाने-पिने एवं ठहरने की उचित व्यवस्था की जाये .,रेलमंत्री को ये नही भूलना चाहिए की वो कोलकाता की नही पुरे भारत की रेलमंत्री है ! जय हिंद </div><div style="text-align: left;"><br />
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</div></div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-15411678077023028912011-02-13T08:43:00.000-08:002011-02-13T08:43:05.587-08:00एक और जयप्रकाश नारायण की जरुरत है<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">ये क्या हो रहा इस देश में रोज नए नए घोटाले ,महगाई बढ़ रही है ,इमानदार अफसर को जला कर मारा जा रहा है आर टी आई आवेदकों की हत्या हो रही है उनपर हमला हो रहा है , सजा पाए आतंकवादियों को फंसी नही दिया जा रहा है , अपने ही देश में तिरंगा नही फहराने दिया जा रहा है ,राष्ट्रपति रबर स्टाम्प तो पहले से थे ही अब तो ये भी आरोप लग रहे है कि वर्त्तमान राष्ट्रपति पूर्व प्रधानमंत्री के यहाँ कित्चें में खाना बनती थी .केंद्र सरकार के एक के बाद एक मंत्री भ्रस्ताचार के आरोप में घिरते जा रहे , पिछला बजट सत्र हंगामो कि भेट चढ़ गया ,विपक्ष अपनी राजनीती कर रही है. ,हमारे देश के प्रधान मंत्री क्यों चुप्पी साढ़े हुए है . एक घोटाला तो उनके विभाग के अंदर ही आता है ,आतंकवाद का कोई रंग नही होता है लेकिन इस केंद्र सरकार ने उसे भी भगवा के रंग में रंग दिया , प्रन्धन्मंत्री कहते है कि वे कोई ज्योतिषी नही है कि बताएँगे कि कब महगाई कम होगी , वित्त मंत्री कहते है कि उनके पास अलादीन का चिराग नही है ,कृषि मंत्री कहते है कि वे कोई अर्थशास्त्री नहीं है ,लोगो कि आमदनी बढ़ गई है इसलिए महगाई बढ़ रही है, चीन हमे चारो तरफ से घेर रहा है ,पाकिस्तान बार-बार ललकार रहा है,कश्मीर के अलगाववादी नाक में दम किये हुए है, नक्सलवादी लगातार हमारे जवानों को मर रहे है ,सरकारी संपत्ति को नुकसान पंहुचा रहे और ये सरकार हाथ पे हाथ धरे बैठे हुए है,.<br />
मौजूदा हालात में महगाई और भ्रस्ताचार से लड़ने के लिए हमे एक और जयप्रकाश नारायण कि जररत है जो इस निक्कमी,नाकारा सरकार को उखड फेंके, जिनकी एक आवाज में पूरा देश खड़ा हो जाये !<br />
भ्रस्ताचार के खिलाफ आन्दोलन जगह-जगह सुरु हो गए है बस एक जयप्रकाश नारायण कि जरुरत है<br />
जय हिंद </div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-29647706889004001512011-02-11T10:17:00.000-08:002011-02-11T10:17:09.034-08:00हो रहा भारत निर्माण लुट रहा आम इंसान<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">हो रहा भारत निर्माण लुट रहा आम इंसान <br />
बढ़ रही महगाई .घट रही कमाई<br />
हो रहा भारत निर्माण लुट रहा आम इंसान <br />
कॉमन वेल्थ गेम करवाया ,करोडो का घोटाला करवाया <br />
हो रहा भारत निर्माण लुट रहा आम इंसान <br />
2G स्पेक्ट्रम नीलाम करवाया ,करोडो का चुना लगवाया <br />
हो रहा भारत निर्माण लुट रहा आम इंसान <br />
कारगिल के शहीदों का हक मरवाया मुंबई में आदर्श घोटाला करवाया<br />
हो रहा भारत निर्माण लुट रहा आम इंसान <br />
लाल चौक पर तिरंगा नही फहराया अलगाओ वाडियो का मन बढाया <br />
हो रहा भारत निर्माण लुट रहा आम इंसान <br />
स्विस बैंक में काला धन जमा करवाया देश का लुटिया डुबाया <br />
हो रहा भारत निर्माण लुट रहा आम इंसान <br />
s बैंड इसरो में घोटाला करवाया अंतरिक्ष में जाने से पहले मिसाइल टकराया <br />
हो रहा भारत निर्माण लुट रहा आम इंसान <br />
<br />
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</div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-49348547612145845142010-03-14T09:58:00.000-07:002010-03-14T09:58:14.190-07:00महिला आरछन से महिलायों का कुछ भला नही होने वालामहिला आरछन से महिलायों का कुछ भला नही होने वाला , इससे केवल राजनीतिक घरानों की महिलायों को ही फायदा होने वाला है आज जो दलित , मुस्लमान , पिछरों की बाते कर रहे वे जरा बताएँगे की गरीब तबके की महिलाये कैसे राजनीती में आयेंगी क्या बुर्के में रहने वाले लोकसभा या विधानसभा में आएँगी उनके मुल्ला उन्हें आने देंगे खेतो में काम करने वाली महिलाये क्या पंचायत का भी चुनाव लड़ पाती है उन्हें तो दो वक़्त की रोटी मिल जाये यही बहुत है क्या कचरा उठाने वाली महिलाये आ पाएंगी आगे पहले ही आरंछान के नाम पर समाज में भेदभाव किया जा रहा है जो पैसे वाले हो गये वो पिछड़े थोड़े ही है क्या वे अब भी दलित ही रह गए है अगर इतनी ही महिलायों की चिंता थी तो क्यों नही पिछले लोकसभा चुनाव में सभी पार्टी के लोगो ने क्यों नही अधिक से अधिक महिलायों को खड़ा किया ?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-34867953024853872162009-12-20T05:00:00.000-08:002009-12-20T05:03:06.359-08:00बेहतर प्रशाशान के लिए सुझावबेहतर प्रशासन के लिए मेरे तरफ से कुछ सुझाव है :-<br />१). राष्ट्रपति को और अधिकार मिले , राष्ट्रपति का चुनाव जनमत संग्रह से हो !<br />२). राज्यपाल का पद समाप्त कर दिया जाये , इससे सरकारी खाजाने पर बोझ कम पड़ेगा , राज्यपाल का काम चीफ जस्टिस को शौप दिया जाय !<br />३). मंत्रिमंडल का आकार छोटा कर दिया जाय !<br />४) . छोटे राज्यों का पुर्नगठन हो !<br />५) . पुलिस को आधुनिक बनाया जाय !<br />६ ). जनता की भागेदारी सरकारी कामकाज में हो ! जनता की राय ली जाय !<br />७). आवश्यक वस्तुओ जैसे की दाल , चावल, चीनी , गेहू , का निर्यात बंद हो एवं इनके कालाबाजारी पर रोक लगे.!<br />८). सभी आम चुनाव चाहे वो राज्य या केंद्र के हो एक ही समय पर हो इससे बहुत सारा खर्चा बचेगा !<br />९) .सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाई जाये !<br />१०). कोई भी कमीशन या जाच आयोग का कार्यकाल ६ माह से अधिक का न हो !<br />११). अदालत में लंबित सभी मामले जल्द से जल्द निपटाए जाये !<br />१२). आरछान का लाभ केवल आर्थिक रूप से पिछडो को मिले !<br />१३). नक्सली छेत्रो में बेरोज़गारी दूर करने के उपाय किये जाये , एवं शिक्षा का अलख जगाया जाये !<br />१४). किसी भी बिधायक या सासंद का कार्यकाल २ बार से ज्यादा का न हो !Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7399047863216201828.post-29306421284185390472009-12-13T04:08:00.000-08:002009-12-13T04:09:32.787-08:00हम आज भी गुलाम हैहम आज भी गुलाम है हमारे नेता जी जो हुकुम सुनते है हमे मानना पड़ता हे आज देश गाँधी -नेहरु परिवार का गुलाम है आज राहुल गाँधी को हम पे थोपा जा रहा है पहले हम मुगलों के गुलाम, हुए फिर अंग्रेजो के आज अपने नेताओ के आज कोई नेता अपराध करता है तो वो जमानत ले ले कर आजाद घूमता रहता है पब्लिक की किसे चिंता है कितनी भी महगाई हो जाय हमारे नेताओ को क्या वे तो ऐसी में रहते है मिनेरल वाटर पिटे है जनता को पानी मिले छाहे न मिले आजादी के ६२ साल बाद भी कितने गावो सहरो में पिने का पानी .सड़क रोटी उबलब्ध नही है लोगो को कभी आरंछां के नाम पे तो कभी जाती के नाम पर हमे बात जा रहा है कब इस देश से बेरोजगारी दूर होगी कोई खाना बिना मर रहा है तो कोई खाते कहते मर रहा है इस देश को फिर से एक क्रांति की जरुरत है जय भारतAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/07055166558432719305noreply@blogger.com0