Friday, August 21, 2015

जंगलराजकियादें

#जंगलराजकियादें । बात उन दिनों कि हैं जब बिहार में जंगलराज कि तूती बोलती थी । कोई भी गोप जी का नाम लेकर आता और बाजार से कुछ भी मंगनी में उठा के ले जाता था , नहीं देने पर धंधा बंद या कुछ महीनों के लिए हाथ पैर तुडवाकर अस्पताल में भर्ती , कितनो का अता पता भी नहीं चला । मेरी नई नई जवानी उफान मार रही थी, पिता जी गुजरने के बाद दुकान एवं घर कि जिम्मेवारी मेरे ही ऊपर आ गयी थी । हमारा दुकान पटना में नामी जगह पर था सामने ही जंगलराज के चमचों का पूरा मोहल्ला पडता था , मोड पर किसी के निकलते ही पूरे सडक के दुकानदार सिहड जाते थे । हमारा छोटा सा होटल था ,जिसमें रिक्शे ठेले वाले ,मजदूर खाना खाया करते थे । उसी से हमारा गुजर बसर एवं पढाई लिखाई भी होती थी । दुकान में हम सभी भाई ही मिलकर सारा काम करते थे, खाना बनाने से लेकर बर्तन ढोने तक । उस दिन मैं अकेला ही दुकान पर था , भाई ट्यूशन पढने गया था । अगले दिन मेरी कोलकाला में रेलवे कि परीक्षा थी , सो थोडा टेंशन मे थे ट्रेन भी पकडना था ,राखी का समय था एक दोस्त के लिए राखी लेना था उसके घर से जो उस समय कोलकाता में पढ रहा था ।इसी उधेडबुन में ग्राहकों को खाना भी खिला रहे थे तभी गोप जी (जो उस समय लालूजी के एक साले के खास आदमी हुआ करते थे) के कुछ आदमी खाना खाने के लिए आए (फ्री में ही खाते थे )जो दिन में ही फुल पीए हुए थे , मैनें खाना निकालकर दिया वो खा रहे थे तभी बगल में खा रहे मजदूर से किसी बात को लेकर बहस हुई वो सब उस बेचारे को भद्दी भद्दी गालियाँ देने लगे , मैं समझाने गया तो मुझे भी भद्दी भद्दी गालियाँ देने लगे तथा खाना सब उलट दिया , मेरा तलवा का लहर कपार पर चढ गया (यह नई नई जवानी और कुछ जात का भी असर था) मैनें सब्जी चलाने वाला बडका छोलनी उठाया और दे दना दे दना दन मार मार के मोहल्ले के मोड तक खदेड दिया । वापस आकर भात पसाने लगा , तब तक सैकडो आदमी गोप जी के पीछे पीछे आ गये लाठी ,डंडा गोली बंदूक सब लिए हुए , गोप जी का आदेश हुआ मारो साले के हमर आदमी पर हाथ उठाता था । मैं भात ही पसा रहा था कि ईटा पत्थर उन्होनें बरसाना शुरू कर दिया , एक ईंट कपार पर और एक ईंट दाँतो पर लगी , कपार फट गया, होंठ फट गए आगे का एक दाँत टूट गया । तभी किसी ने थाना में फोन कर दिया , थाना कि जिप्सी तुरंत आ गयी लेकिन गोप जी को देखते ही चलते बनी । मैं दर्द से कराह रहा था लेकिन कोई मदद को नहीं आया । अंत में मैनैं ही हथियार डालना उचित समझा और जाके गोप जी के पैर पकड लिए , मैं खून से लथपथ था ये देखकर गोपजी का दिल पसीजा और उन्होनें अपने सभी गुर्गों को भागने का आदेश दिया । मैं दो तीन घंटे यूँ ही दुकान के आगे सडक पर बैठा रहा पर कोई मदद को नहीं आया । कुछ घंटो बाद एक दूर के रिश्तेदार आए जिन्होंने मरहम पट्टी करवाई । चौंतीस टाँके पडे थे  । होंठ के अंदर चार । चार पाँच महीने बिस्तर पर पडा रहा । न ठीक से खा पाता था न बोल पाता था । अगल बगल के लोग आश्चर्य कर रहे थे कि इतनी मार खाने के बाद भी ये बच कैसै गया ? कुछ लोग एफ आई आर करने को बोल रहे थे ,लेकिन बुद्धिजीवीयो ? ने सलाह दी कि और लफडा हो जाएगा धंदा बंद हो जाएगा , गवाही कोई नहीं देगा । पी एम  सी एच में ईलाज कराने गए तो डॉक्टरों ने पुलिस केस बताकर ईलाज करने से मना कर दिया । थाना गए तो पुलिस ने गोप जी का नाम सुनते ही रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया ,बोले मैनैज कर लो । रोज धमकी मिलती रही केस नहीं करने को । बाबूजी के कुछ शुभचिंतको ने गोपजी को समझाया जाने दीजीए बिन बाप का बच्चा है , कमाता-खाता,पढता-लिखता है कुछ नहीं करेगा । तब जाकर जान छूटी । अंदर से डर खत्म हो गया लोग बोलते रहे दाँत टूट गया है आगे का है अच्छा नहीं लग रहा  लगवा लो मैनैं नहीं लगवाया । कुछ यादें जेहन में हमेशा रहनी चाहिए । मेरा वो रेलवे का परीक्षा नहीं छूटता तो शायद मैं अभी रेलवे में नौकरी कर रहा होता । खैर छोडिए जेहि विधी राखे राम ☺☺

Friday, August 14, 2015

बोल जय श्री राम

#जय श्री राम ! काल्हे रात सपना में हनुमान जी दर्शन दील्हले । गदवा के नोक हमरा पीठीया में भोंक हमरा उठैले । हनुमान जी -बोल जय श्री राम ! हम कहनी -हम ना बोलब ,हमर सेकुलर मित्र सब नाराज हो जैहन , बोलिसन तू आर एस एस के चेला है, तू कट्टर हिन्दू है , धर्मनिरपेक्षता आ देश कि अखंडता पर खतरा है , तोरा से हम दोस्ती न करम , तोरा के ब्लोक कर देम । हनुमान जी - मारबौ गदा कपार पर त चढ जैईबै पहाड पर 😬 सेकुलर मित्र तोरा खाए ला दे हौ ? मुसीबत अईला पर तोरा मदद करे हौ ? संकट से दूर निकाले हौ ? हम कहनी -ना प्रभु ! हनुमान जी -जो राम का नहीं वो किसी का नहीं । त बोल जय श्री राम ! हम कहनी - हम ना बोलब ! काहे कि अभी बिहार में इलेक्सन के टाईम बा , सेकुलर रहब त कही जोगाड सेट हो जाई । हनुमान जी - धत् बुरबक तू चोरी क ईले हैं ? हम कहनी -न प्रभु ।हनुमान जी -लूट ,हत्या,डकैती,अपहरण,रंगदारी,बलात्कार "" हम कहनी -राम राम ! ई का कहतानी प्रभु । हम इ सब से दूर बानी । हनुमान जी- त तोरा के के भोट देतौ ? बोल जय श्री राम ! हम कहनी -हम न बोलब , जे रामजी अपने तिरपाल गाड के रहतानी ऊ हमरा के का उबारीहन ? हनुमान जी पुरा गुसा गैलन थुथना फुला के कहलन - बोलबे जय श्री राम कि मार गदा के देहवा चूर दियो 😬हम कहनी -हम कमजोर बानी त न हमरा पर गुस्सा दिखावत बाडन ? ऊ जे छप्पन इंच के सीना ले के दिल्ली में बैठन बाडन कि हमर सरकार आयत त अयोध्या में राममंदिर बनवा देव,धारा 370 खत्म करवा देब ,विदेश से काला धन ले आईब, भोजपुरी के आँठवा अनुसुची में शामिल करवा देब । उनका जाके गदा दिखाई तब न बूझी रौआ के बजरंगबलि । अब त हनुमान जी रौद्र रूप धारण कर लैहलन , गदवा कँधवा पर रखी के बोललन -तू त अईसन न रहे , बचपने से हनुमान चालीसा पढत रहे आ जय श्री राम बोलत रहे । बोल जय श्री राम ! हम कहनी -हम न बोलब । हनुमान जी-बचपने से मुसीबत आईला पे केकर नाम ले है  ? हम कहनी -जय श्री राम ! जय हनुमान । हनुमान जी -हर बाधा के पार करावा तानी ? हम कहनी -जय श्री राम ! हनुमान जी - हम तोहर रक्षा करै हियो केकरा कहे पे ? हम कहनी-श्री राम  के बोले पे ! जय श्री राम ! हनुमान जी अब मुस्कुरा के जाए घरी बोललन -बोलत रहीहे जय श्री राम ! न त मारबौ गदा कपार पर आ चढ जैईबै पहाड पर ! बोल जय श्री राम ! हम रटत रहनी जोर जोर से जय श्री राम ! जय श्री राम ! जय श्री राम ! तभीये मकानमालिक हडबडा के उठलन आ कहलन -का हुआ झाजी जे आधी रतिया के इतना जोर जोर से जय श्री राम बोल रहे है ? हम कहनी कुछो न रौआ जय श्री राम बोल के सो जाई ! हमरा त अब नींद आवे से रहल # बोल जय श्री राम