आई ठंडा में ठिठुरत ठिठुरत मन भेल की किछ लिखल जाय । जखन हमरा कंबल ओढ़ने अतेक जाड़ लगई अ त मुदा गरीबहा के की हाल हेतई ओना त हमहूँ गरीबे छी मुदा कोनो विश्वास नई करई आ । मोदी जी के धनबाद देवाक् चाही की नोटबंदी कराक् लोग के खर्चा घटवाक देलखीन । अब लोग बचा बचा क पाई खर्च करई आ कियाक् अब बैंक/एटीएम से कहीया निकलत कोनो ठिकाना नई । ग्रामीण क्षेत्र में अखनो बैंक म नकदी के दिकदारी चल रहल छई । टाउन में कोनो परेशानी नई अई एटीएमों में धकाधक पाई निकलई आ । टाउन में लोग के पास बहत्तर को उपाय छई कैशलेस बने के क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, एटीएम, पेटीएम,पी ओ एस मशीन, मोबाइल वैलेट आदि । आ ग्रामीण क्षेत्र में उहे एगो सरलका ग्रामीण बैंक के ब्रांच जेकर मैनेजर आ कैशिअर के हर दम मुँहे सुखायल रहई छई । कुँअहासा के दिन में उगल धूप जका बैंक में कैश अबई आ । ऊहो में बड़कहवा सब पहलेही अप्पन नम्बर लगेने रहई आ । जे बचल खुचल गरीबहा के भेंटल ऊहे में केनहऊतो गुजारा चल रहल छई । ग्रामीण क्षेत्र के एटीएम के शटर त राहुल बाबा जनाक् कहीया खुलई आ कहीया बंद होअई बुझबे नई करई छी । कैशलेस के फेरा में कतेक क त कपारो के केस उड़ रहल अछी । मुदा जे भेल नीके भेल । आब जेही विधी राखे राम आ मोदी जी ।