ये रेल बजट नही पश्चिम बंगाल चुनाव का चुनावी घोषणापत्र है ?
ममता बनर्जी ने रेल में ज्यादा कोलकाता और बंगाल पर ही ध्यान दिया है , न रेलवे की सुरक्षा पर ध्यान दिया है , न रोजगार पर , कई वर्षो से बहालियो को अटका कर रखा हुआ है , बार-बार परीक्षा के डेट आगे हो रहे है , सबसे ज्यादा बुरी हालत तो जेनेरल बोग्गी में चलने वाले लोगो की है ,भेड़-बकरी की तरह लोग आते जाते है ,न ही बोग्गियो की संख्या बढाई जा रही है और न ही कोई व्यवस्था है ,ट्रेनों में कितनी गन्दगी रहती है , प्लेटफोर्म पर अनावश्यक लोगो के भीड़ को भी रोकना चाहिए ,बिहार से जाने वाली हर ट्रेनों में भीड़ होती है ,यहाँ ट्रेनों की संख्या बढाई जानी चाहिए थी ,बेरोजगार लोगो को रेलवे में जल्द से जल्द रोजगार देना चाहिए ,ट्रेन में इन दिनों नशा खुरानी ,चोरी और लूट पाट की घटनाये बढती जा रही है ,इन सब पर रोक लगना चाहिए !
ट्रेनों के लेट लतीफी आम बात हो गयी है ,इससे लोगो का समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है ,रेल मंत्री को चाहिए था की जब ट्रेने लेट हो तो लोगो के खाने-पिने एवं ठहरने की उचित व्यवस्था की जाये .,रेलमंत्री को ये नही भूलना चाहिए की वो कोलकाता की नही पुरे भारत की रेलमंत्री है ! जय हिंद