Saturday, January 28, 2017

फिल्म समीक्षा रईस

रईस फिल्म में दिखाया गया है कि शांतिदूत बहुत अच्छे इंसान होते है वे धर्म का धंधा नहीं करते । रईस शराब बेचता है, अपने दुश्मनों को मारता है लेकिन कोई गलत काम नहीं करता । रईस बच्चा मे किताब निकालकर बैग में शराब की बोतले भर इधर उधर पहुँचाने का काम करते है । फिल्म में दो बार मोहर्रम और एक बार ईद मनाया जाता है । हज से लौटते हुए हाजियो पर हमला होता है जिससे शहर में दंगा भड़कता है । शराबबंदी के लिए विरोधी दल का नेता रथ नुमा गाड़ी पर रैली निकालता है जिसे रईस और उसके आदमी पुलिस  के सामने ही खदेड़ खदेड़ कर मारते है । सी एम भी रईस से मिला हुआ रहता है । लोगों कि भलाई करने में  रईस कंगाल हो जाता है । जेल जाता है और जेल से ही चुनाव लड़कर एम एल ए बन जाता है । लोगों से पैसा लेकर उनके लिए घर बनाना चाहता है लेकिन गठबंधन की सरकार उसे ऐसा करने नहीं देती । लोगों का पैसा लौटाने के लिए वो मूसा भाई का एक काम करता है जिसमें दोहा से सोना स्मललिंग कर आता है । सोने के अंदर आर डी एक्स छिपा होता है जिसका रईस को पता नहीं होता है । उस आर डी एक्स से कई जगह बम धमाके  होते है । रईस मुसा भाई को मार देता है । पुलिस के हाथों आत्मसमर्पण कर देता है लेकिन पुलिस उसका फर्जी इनकाउंटर कर देती है । #फिल्म_समीक्षा #रईस #महाबकवास

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